साहबज़ादे यासीन इरफान अली खान अलविदा,,इरफान एभिनय जगत का चांद तो नही थे परंतु सितारे से कम भी नही थे, नैसर्गिक एभिनय में चरम पर थे,उनसे बातचीत के दौरान मुझे कई बार बलराज साहनी की यादे ताज़ा हो रही थी, इरफान एभिनय की भट्टी में तप कर निकले हुवे वह नायाब सोने की अंगूठी थे जिसमें हर तरह का मोती फिट बेठ जाता था, इरफान ने नैसर्गिक एभिनय का जो परचम भारतीय सिनेमा के साथ हॉलीवुड सिनेमा में फहराया था उस परचम की परछाई तक पहुचना आज के अभिनेताओं के…